बच्चे स्कूल में एक-दूसरे के साथ मिलकर बहुत कुछ सीखते है। लेकिन घरों में रहते हुए सीखने-सीखाने का यह सिलसिला थोड़ा मुश्किल सा लगने लगता है। आमतौर पर माता-पिता यह समझ नहीं पाते कि ऐसा क्या किया जाये जिससे वे घरों में भी बच्चों के पढ़ने और सीखने के अनुभवों को बरकरार रख पायें।
रीडिंग कॉर्नर (Reading corner) घर का एक सुंदर हिस्सा बन सकता है जहाँ आप बच्चों को नई चीज़ें खोजकर या पढ़कर सीखने का मौका दे सकते है। जिस तरह से कोविड महामारी के दौरान ज़िन्दगी घर में ही सिमट कर रह गयी है, ऐसे में आप बच्चों की पढ़ने में मदद और किताबों से दोस्ती करवा सकते है। नीचे दिए गए कुछ आसान तरीकों से घर में ही रीडिंग कार्नर बना सकते है –
घर में एक सही जगह ढूंढें -
रीडिंग कार्नर बनाने के लिए आपको घर में एक जगह ढूंढनी होगी। जगह कम हो या ज्यादा, हम रीडिंग कार्नर आराम से बना सकते हैं। आप बच्चों के कमरे या घर के किसी और कोने का इस्तेमाल कर सकते है। रीडिंग कार्नर का चयन करते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें-
- इस corner के आस-पास ज्यादा शोर न हो।
- इस कॉर्नर में उपयुक्त रोशनी हो। आप कॉर्नर को खिड़की के पास भी बना सकते है ताकि बच्चों को पढ़ने के लिए उपयुक्त रोशनी मिल पाएं।
कॉर्नर के लिए सजावट –
कॉर्नर का चुनाव करने के बाद बारी आती उसे एक रीडिंग कार्नर में तैयार करने का। रीडिंग कार्नर की तैयारी और सजावट में आप बच्चों को भी शामिल कर सकते है। बच्चे अपने अनोखे तरीकों से इस स्थान को और भी दिलचस्प बना सकते है। रीडिंग कार्नर को तैयार करते समय इन बातों का ध्यान रखें –
- इस कार्नर में बच्चों के बैठने के लिए व्यवस्था हो। इसके लिए आप चटाई, गद्दे, तकिये या कुर्सी का इस्तेमाल कर सकते है। इस कॉर्नर को बच्चों के पढ़ने के लिए आरामदायक बनाएं।
- बच्चों के साथ मिलकर कॉर्नर के लिए पोस्टर और चार्ट्स तैयार करें। आप बच्चों के पसंदीदा रंग के परदे भी लगा सकते है।
- किताबें रखने के लिए जगह बनाएं। अगर किताबें रखने के लिए शेल्व्स या अलमारी उपलब्ध नहीं है तो चिंता न करें। आप बच्चों के साथ घर पर पड़े डिब्बों या शू-बॉक्स को कवर लगाकर उनका इस्तेमाल कर सकते है।
- इस कॉर्नर में बच्चों की किताबों के अलावा ड्राइंग का समान, रंग/कलर, कॉपी-पेन भी रख सकते है।
रीडिंग कार्नर के लिए किताबें
रीडिंग कार्नर में आप बच्चों की पसंदीदा किताबों के साथ-साथ आप (अभिभावक) अपनी किताबें भी रख सकते है। इससे बच्चे और माता-पिता साथ में बैठकर किताबें सकते हैं। आप और बच्चे साथ में मिलकर किताबें चुन सकते है जिससे बच्चे में रीडिंग के प्रति और आत्मविश्वास बढ़ेगा। आप बच्चों की रुचि और उम्र के हिसाब से किताबें के विषय चुन सकते है।
रीडिंग कार्नर बनाना बहुत ही आसान है। लेकिन इस सब के साथ बच्चों के लिए इसे मजेदार बनाना, बच्चों को इस कॉर्नर और किताबों के साथ जोड़ना भी जरूरी है। इसमें अभिभावकों का साथ होना और उनके लिए यह जानना जरुरी है कि बच्चों में पढ़ने की आदत को विकसित करने में धैर्य रखना बेहद महत्वपूर्ण है।
- बच्चों के साथ मिलकर पढ़ें
बच्चों के माता-पिता बच्चों में रोज पढ़ने की आदत डालने में मदद कर सकते है। आप हर रोज बच्चों के साथ मिलकर एक किताब पढ़ सकते है। आप रत को सोने से पहले या बच्चों की सुविधा अनुसार कोई भी समय निर्धारित कर सकते है।
- पढ़ने को मजेदार बनाए
बच्चों के लिए आप पढ़ने की क्रिया को मजेदार बना सकते हैं। बच्चों को कभी भी सजा के तौर पर पढ़ने के लिए न कहें। आप उनकी पसंदीदा कहानी को अलग- अलग आवाज़ों और तरीकों से कहानी सुना सकते है और पढ़ने के दौरान उनसे सवाल भी पूछ सकते हैं। | साथ ही बच्चों को भी कहानी कहने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। बच्चों के लिए पढ़ने के लिए किताबें खुद चुनने दे। Reading corner में उन्हें वही करने दे जो बच्चे करना चाहते है।
- किताबों पर चर्चा करें
बच्चों को अपनी पढ़ी हुई किताबों पर बातचीत करना बाहर पसंद आता है। माता-पिता बच्चों के साथ मिलकर किताबों पर चर्चा कर सकते है; जैसे - उन्हें इस कहानी में क्या अच्छा लगा? इस पात्र ने क्या किया? बच्चों के हिसाब से कहानी में आगे क्या होगा? आदि। किताबों पर नियमित रूप चर्चा उ बच्चों के पढ़ने की रूचि को बरकरार रखने मे मदद करती है।
आप बच्चों के साथ मिलकर ड्राइंग, पोस्टर बनाना, कहानी-लेखन या डायरी-लेखन भी सकते है और बच्चों द्वारा बनाई गयी चीजों को रीडिंग कार्नर में भी लगा सकते है। यह बच्चे में आत्माभिव्यक्ति या खुद को अभिव्यक्त करने की आदत डालने का एक पॉजिटिव तरीका है।